होटल-रेस्टोरेंट से 150 करोड़, हेली सेवा से 60 करोड़ और घोड़ा-खच्चर से 67 करोड़ की आय
श्रद्धालुओं का आंकड़ा 32 लाख के पार, केदारनाथ में अब तक पहुंचे 11.40 लाख यात्री
देहरादून: उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा ने एक बार फिर राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है। अब तक चारधाम में 32 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, वहीं अकेले केदारनाथ धाम में दो मई से 18 जून तक 11.40 लाख यात्री पहुंच चुके हैं। 48 दिनों की इस अवधि में लगभग 300 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है, जिससे स्थानीय व्यापारियों, होटल संचालकों और सेवा प्रदाताओं को बड़ी राहत मिली है।
इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में सहकारिता विभाग में नए पद को मंजूरी, सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए कई अहम निर्णय।
होटल और रेस्टोरेंट से 150 करोड़ का सीधा लाभ
गौरीकुंड व्यापार संघ के अध्यक्ष रामचंद्र गोस्वामी के अनुसार, यात्रा मार्ग पर 350 से अधिक होटल प्रतिष्ठान गौरीकुंड में तथा 2000 से अधिक होटल, टेंट और रेस्टोरेंट पूरे मार्ग में सक्रिय हैं। श्रद्धालु औसतन 1500 से 2000 रुपये प्रतिदिन खर्च कर रहे हैं। इस हिसाब से अब तक पहुंचे यात्रियों से 150 करोड़ रुपये का कारोबार होटल और रेस्टोरेंट सेक्टर को हुआ है।
हेली सेवा से अब तक 60 करोड़ की आय
केदारनाथ हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि इस वर्ष 8 कंपनियां नौ हेलिपैड से हवाई सेवा चला रही हैं। 18 जून तक 49,247 श्रद्धालु हेलिकॉप्टर से धाम पहुंचे हैं। इस सेवा के माध्यम से करीब 60 करोड़ रुपये की आय हो चुकी है।
वहीं, 20 किलोमीटर की कठिन यात्रा में घोड़े और खच्चर श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख साधन बने हुए हैं। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत के मुताबिक, अब तक 2,27,614 यात्री घोड़ा-खच्चरों के जरिए केदारनाथ पहुंचे हैं, जिससे 67 करोड़ रुपये की आय अर्जित की गई है।
डंडी-कंडी सेवा से 2.71 करोड़ की कमाई
बुजुर्ग और असमर्थ यात्रियों के लिए संचालित डंडी-कंडी सेवा से इस बार 7000 से अधिक पंजीकृत संचालकों ने सेवा दी है। इससे अब तक 2 करोड़ 71 लाख 300 रुपये की आय प्राप्त हुई है। नियम उल्लंघन और गंदगी फैलाने पर 4.17 लाख रुपये का चालान भी किया गया।
इसे भी पढ़ें: पौड़ी जिले के पाबौ क्षेत्र को मिली नई सड़क परियोजना, सीएम धामी ने 38 करोड़ से अधिक की विकास योजनाओं को दी मंजूरी।
सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक चल रही टैक्सी शटल सेवा के अंतर्गत 225 गाड़ियां पंजीकृत हैं। प्रति यात्री आने-जाने का किराया 100 रुपये है। अब तक 11.40 लाख श्रद्धालु शटल सेवा से यात्रा कर चुके हैं। इस वर्ष 25 गाड़ियां महिला एवं बुजुर्गों के लिए आरक्षित की गई हैं, जिससे यात्रा और सुविधाजनक बनी है। केदारनाथ यात्रा केवल धार्मिक महत्व तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य की आर्थिक प्रगति का बड़ा स्रोत बन चुकी है। हर वर्ष बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या से स्थानीय रोजगार, पर्यटन और सेवा क्षेत्रों को मजबूत आधार मिल रहा है।