मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्चस्तरीय बैठक में दिए निर्देश, स्थानीय आजीविका और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में राज्य के समग्र विकास, स्थानीय आजीविका संवर्धन और आदर्श ग्रामों के निर्माण को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
प्रत्येक जिले में बनेंगे दो-दो आदर्श गांव
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सारकोट की तर्ज पर राज्य के हर जिले में दो-दो आदर्श ग्राम विकसित किए जाएंगे। इन गांवों में कृषि, पशुपालन, मौनपालन, बागवानी, मशरूम उत्पादन जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जाएगा और समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए इंटीग्रेटेड एप्रोच अपनाई जाएगी।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “विकसित भारत” के विजन के अनुरूप उत्तराखंड को भी “विकसित राज्य” बनाने की दिशा में तेज़ गति से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे पूर्ण तत्परता व प्रतिबद्धता के साथ इन लक्ष्यों को हासिल करने में जुटें।
गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य और ऊर्जा के साथ पूरी बुनियादी सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन आदर्श गांवों में स्थानीय शैली और संस्कृति को ध्यान में रखते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और पेयजल जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। साथ ही, स्थानीय स्तर पर सौर ऊर्जा के माध्यम से गांवों को रोशन करने की भी व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इन गांवों में स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को प्रोत्साहित कर स्थानीय उत्पादों के विपणन की व्यवस्था की जाएगी। इससे आजीविका के नए अवसर उत्पन्न होंगे और आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।
चारधाम यात्रा मार्गों पर कानून व्यवस्था होगी और सख्त
बैठक में मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्गों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों और मार्गों पर अशांति फैलाने वाले या अवांछित गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर घोषित दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन के लिए उपयुक्त स्थानों की शीघ्र पहचान कर कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं। यह पहल धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को नई दिशा देगी।
साहसिक पर्यटन और होमस्टे योजना को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए डेस्टिनेशन विकसित करने की बात कही, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि पर्यटन ढांचे को मजबूत करने के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार की जाएं।
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साथ ही, हनोल एवं जागेश्वर के मास्टर प्लान, हरिपुर कालसी घाट निर्माण, और होमस्टे योजना के तहत यात्रा मार्गों से जुड़े गांवों को लाभान्वित करने पर विशेष बल देने के निर्देश दिए। राज्य सरकार का यह बहुआयामी प्रयास उत्तराखंड को एक विकसित, आत्मनिर्भर और रोजगार-संपन्न राज्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह योजना ग्राम्य विकास, पर्यटन, आजीविका और सांस्कृतिक संरक्षण के समन्वित विकास का सशक्त उदाहरण बनेगी।