आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने की मंजूरी: स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और आशा कार्यकर्ताओं को आर्थिक संबल प्रदान करने की दिशा में सरकार का बड़ा कदम

नई दिल्ली: भारत सरकार ने आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह फैसला देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और आशा कार्यकर्ताओं को आर्थिक संबल प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस फैसले से लाखों आशा कार्यकर्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि देशभर में शिशु और मातृ-मृत्यु दर को कम करने में आशा कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के संचालन समूह ने आशा कार्यकर्ताओं का प्रोत्साहन मानदेय बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार इस मुद्दे पर आगे बढ़ रही है। एनएचएम के तहत मिशन संचालन समूह (एमएसजी) सर्वोच्च नीति-निर्माण और संचालन संस्था है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान करी आशा वर्कर्स की तारीफ़:

राज्यसभा में मंगलवार को पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए नड्डा ने कहा, कि आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में बहुत अच्छा काम कर रही हैं। जमीनी स्तर पर उनके प्रयासों से मातृ-मृत्यु दर, आईएमआर (शिशु मृत्यु दर) और पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर के स्तर को कम करने में मदद मिली है। सरकार द्वारा मानदेय में वृद्धि से आशा कार्यकर्ताओं को वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। अभी तक कई राज्यों में आशा कार्यकर्ताओं को न्यूनतम वेतन भी नहीं मिल पाता था, लेकिन अब इस फैसले से उन्हें सम्मानजनक वेतन मिलने की उम्मीद है।

इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) 2.0 क्या हैं- कैसे करे आवेदन, प्रक्रिया, पात्रता और आवश्यक दस्तावेज।
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के सांसदों ने संसद में मानदेय बढ़ाकर 21,000 रुपये करने की करी मांग:

इनका मानदेय बढ़ाने को लेकर केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के सांसदों ने संसद में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने मानदेय बढ़ाकर 21,000 रुपये करने और उन्हें सेवानिवृत्ति लाभ के रूप में 5 लाख रुपये दिए जाने की मांग की। इस पर जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों से आशा कार्यकर्ताओं के पारिश्रमिक को बढ़ाने की मांग उठ रही थी, जिसके लिए एमएसजी ने अनुमति दे दी है और हम इस पर आगे बढ़ेंगे।

आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका:

आशा कार्यकर्ता ग्रामीण और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के तहत काम करती हैं। वे गर्भवती महिलाओं की देखभाल, नवजात शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, टीकाकरण अभियान, परिवार नियोजन जागरूकता, संक्रामक रोगों की रोकथाम और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इनका मुख्य उद्देश्य समुदाय में स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से पहुंचाना है।

सरकार की पहल:

सरकार द्वारा आशा कार्यकर्ताओं के लिए समय-समय पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है, लेकिन अब उनके स्थायी मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई है। इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और वे स्वास्थ्य सेवाओं में और अधिक समर्पण के साथ काम कर सकेंगी। सरकार द्वारा आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि से उन्हें आर्थिक मजबूती मिलेगी और उनकी कार्यक्षमता में भी सुधार होगा। यह कदम देश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने में सहायक साबित होगा। आशा कार्यकर्ताओं की मेहनत को सम्मान देने के इस फैसले का पूरे देश में स्वागत किया जा रहा है।

इसे भी पढ़ें: Army Agniveer Bharti 2025: जानें अंतिम तिथि, पात्रता शर्तें, आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज

Related posts