अब राज्य के सिर्फ 35,000 घरों में ही पहुंचना बाकी है नल से जल, मुख्यमंत्री ने बताया मिशन को ऐतिहासिक उपलब्धि
देहरादून: उत्तराखंड का बागेश्वर जिला जल जीवन मिशन के तहत सबसे पहले शत-प्रतिशत घरों तक नल से जल पहुंचाने वाला जिला बन गया है। राज्य में अब तक कुल 14 लाख 13 हजार 598 घरों में नल से जलापूर्ति हो चुकी है, जबकि सिर्फ 35 हजार घरों में यह कार्य बाकी है। मिशन की प्रगति को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने “शानदार” और “ऐतिहासिक” बताया है।
बागेश्वर में 100%, देहरादून सहित 8 जिलों में 99% लक्ष्य हासिल
बागेश्वर के सभी 54,659 घरों में नल से जलापूर्ति पूरी कर दी गई है। वहीं उत्तरकाशी, देहरादून, रुद्रप्रयाग, चमोली, चंपावत, टिहरी, पिथौरागढ़ और पौड़ी में 99 प्रतिशत से अधिक घरों में जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा चुकी है।
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ऊधमसिंह नगर में 97%, हरिद्वार में 95% जबकि नैनीताल और अल्मोड़ा में 92% लक्ष्य प्राप्त किया जा चुका है। मिशन का लक्ष्य दिसंबर 2026 तक सभी घरों में नल से शुद्ध पेयजल पहुंचाना है।
राज्य में 97% से अधिक कार्य पूरा, 14.49 लाख घरों को मिलना है लाभ
जल जीवन मिशन के अंतर्गत उत्तराखंड में 14,49,218 घरों को नल से जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। मई के पहले सप्ताह तक 97% से अधिक कार्य पूरा हो चुका है, और केवल 35,000 घर शेष हैं। यह राज्य के ग्रामीण पेयजल व्यवस्था में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
ग्राम सभा में हो रही है पुष्टि, हर व्यक्ति को 55 लीटर पानी प्रतिदिन
मिशन निदेशक विशाल मिश्रा ने बताया कि हर गांव में ग्राम सभा की खुली बैठक के जरिए जलापूर्ति की पुष्टि कराई जा रही है। इसका वीडियो रिकॉर्ड भी किया जा रहा है। अब तक 14,985 गांवों में से 11,477 गांवों के सभी घरों में नल से जल पहुंचाने का दावा किया गया है, जिसमें से 8,651 गांवों में जलापूर्ति की पुष्टि हो चुकी है। योजना के तहत प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 55 लीटर जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
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मुख्यमंत्री का बयान – अब किसी को नहीं ढोना पड़ेगा पानी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की:
“गंगा, यमुना, रामगंगा, सरयू और कालीगंगा जैसी नदियों वाले उत्तराखंड में अब किसी को भी सर पर पानी ढोने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीणों को घर पर ही स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो रहा है, जो राज्य की बड़ी उपलब्धि है।”