जनविरोध के चलते उत्तराखंड में नवसृजित मदिरा दुकानें होंगी बंद, सरकार ने दिए सख्त निर्देश।

2025 की आबकारी नीति के तहत जनसंवेदनाओं और स्थानीय विरोध को देखते हुए रद्द किए जाएंगे अनुज्ञापन, शासन को भेजा जाएगा रिफंड प्रस्ताव

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने जनविरोध और जनसंवेदनाओं को प्राथमिकता देते हुए वित्तीय वर्ष 2025 में नवसृजित देशी विदेशी मदिरा दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया है। शासन ने आबकारी नीति 2025 (त्रिवर्षीय) के नियम 28.1 एवं 28.4(a) के तहत यह बड़ा फैसला लिया है।

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जनविरोध के चलते लिया गया फैसला

निर्देशों के अनुसार, जिन मदिरा दुकानों को लेकर स्थानीय स्तर पर व्यापक जनविरोध देखा जा रहा है, उन्हें तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा और उनके अनुज्ञापन (लाइसेंस) को रद्द किया जाएगा। यदि किसी दुकान के आवंटी/अनुज्ञापी द्वारा शासन को कोई राजस्व राशि जमा की गई है, तो उसका रिफंड प्रस्ताव विधिवत रूप से शासन को अनुमोदन हेतु भेजा जाएगा।

इसके साथ ही जनविरोध, जनभावनाओं और कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत लाइसेंस प्राधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार इन नवसृजित दुकानों को बंद कराना सुनिश्चित करें।

राजस्व लक्ष्य में कमी को भी बखूबी किया जाएगा पूरा

शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जनविरोध के कारण यदि किसी जिले में राजस्व लक्ष्य में कमी आती है, तो उसकी सूचना तत्काल भेजी जाए ताकि उसे संज्ञान में लिया जा सके।

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