नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री की विदेश यात्राएं अक्सर चर्चा का विषय बनी रहती हैं। इन यात्राओं का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करना। व्यापारिक सौदों को प्रोत्साहित करना, और वैश्विक मंचों पर भारत की स्थिति को सुदृढ़ करना होता है। हालांकि, इन दौरों पर होने वाले खर्च को लेकर, कई बार सवाल उठाए जाते हैं।
पिछले 7 वर्षों में हुआ खर्च:
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 7 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं पर लगभग 517 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। जिसमें सबसे महंगी यात्रा अमेरिका की रही। जिस पर 22 करोड़ रुपये खर्च हुए। सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री की आधिकारिक विदेश यात्राओं पर किए गए खर्च में, चार्टर फ्लाइट्स, सुरक्षा, होटल, बैठकें और अन्य प्रशासनिक लागतें शामिल होती हैं।
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यात्राओं की प्रमुखता और उद्देश्य:
प्रधानमंत्री की विदेश यात्राएं, केवल कूटनीतिक संबंधों तक सीमित नहीं रहतीं। बल्कि वे व्यापार, निवेश, रक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देती हैं। पिछले कुछ वर्षों में, प्रधानमंत्री ने अमेरिका, रूस, चीन, जापान, फ्रांस और कई अन्य देशों की यात्राएं की हैं। इन दौरों के दौरान विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। जो भारत के आर्थिक और रणनीतिक विकास में सहायक साबित हुए हैं।
विदेश यात्राओं पर हो रही आलोचना:
प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर होने वाले खर्च को लेकर, विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कई बार सवाल उठाए हैं। उनका तर्क है कि इस धन का उपयोग देश के शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में किया जाना चाहिए। हालांकि, सरकार का कहना है कि ये यात्राएं दीर्घकालिक निवेश हैं, जो देश के विकास और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में सहायक होती हैं।
पिछले वर्षों का तुलनात्मक अध्ययन:
यदि पिछले कुछ प्रधानमंत्रियों की विदेश यात्राओं की तुलना की जाए, तो मौजूदा प्रधानमंत्री की यात्राओं की संख्या और खर्च दोनों अधिक दिखाई देते हैं। इसका कारण यह भी हो सकता है कि भारत वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति को और मजबूत करने की दिशा में कार्य कर रहा है।
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प्रधानमंत्री की विदेश यात्राएं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हालांकि, इन दौरों पर खर्च होने वाली राशि को लेकर पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखना आवश्यक है, ताकि जनता को यह विश्वास हो कि इन यात्राओं का सीधा लाभ देश को मिल रहा है।