अंतरिक्ष में भारत की नई उड़ान: एक्सिओम मिशन में भारतीय प्रतिनिधित्व
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के गर्व के प्रतीक, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष की ओर एक बड़ा कदम उठाया है। वह 25 जून 2025 को अमेरिका की प्राइवेट स्पेस एजेंसी स्पेसएक्स (SpaceX) द्वारा लॉन्च किए गए एक्सिओम-4 (Axiom-4) मिशन का हिस्सा बने। यह मिशन मानव अंतरिक्ष उड़ानों की दिशा में भारत की एक और बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
Axiom-4 मिशन एक प्राइवेट स्पेस फ्लाइट मिशन है, जिसे स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया। यह मिशन पूरी तरह से व्यावसायिक है, जिसमें विभिन्न देशों के प्रशिक्षित अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक भेजा गया है।
ISRO और स्पेसएक्स की साझेदारी से भारत को मिला नया आयाम
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इस मिशन के ज़रिए न केवल भारतीय वायुसेना, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने पहले भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट के रूप में भी सेवाएं दी हैं और अब वह भारतीय युवाओं के लिए अंतरिक्ष में करियर की प्रेरणा बन चुके हैं।
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इस मिशन में भारत की भागीदारी यह भी दर्शाती है कि अब अंतरिक्ष विज्ञान में भारत सिर्फ एक दर्शक नहीं, बल्कि एक सक्रिय और महत्त्वपूर्ण भागीदार बन चुका है। जहां ISRO अपने Gaganyaan मिशन पर काम कर रहा है, वहीं इस तरह के इंटरनेशनल मिशन में भारतीय विशेषज्ञों की भागीदारी भारत की वैश्विक स्थिति को और सुदृढ़ करती है।
अंतरिक्ष मिशन में कैप्टन शुभांशु का योगदान
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए लंबा और गहन प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें ज़ीरो ग्रैविटी वातावरण में काम करना, स्पेस लैब में प्रयोग करना, और अंतरिक्ष स्टेशन पर मानव जीवन को सपोर्ट करने वाली टेक्नोलॉजीज़ को समझना शामिल था।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का एक्सिओम-4 मिशन में शामिल होना न सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भारत की उभरती हुई स्पेस डिप्लोमेसी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक सहयोग का एक प्रतीक भी है। यह आने वाले समय में भारत के युवाओं को अंतरिक्ष और विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।