तमिलनाडु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तमिलनाडु में भारत के पहले वर्टिकल-लिफ्ट सी ब्रिज का भव्य उद्घाटन किया। यह पुल भारत की समुद्री इंजीनियरिंग का एक नया अध्याय है, जो न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यावरणीय और सामरिक दृष्टि से भी अहम भूमिका निभाएगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने भारतीय रेलवे की एक नई ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाई, जो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगी।
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इसके साथ ही उन्होंने भारतीय तटरक्षक बल के लिए एक नए जहाज का लोकार्पण भी किया, जिससे समुद्री सुरक्षा में और मजबूती आएगी।
क्या है वर्टिकल-लिफ्ट ब्रिज?
- वर्टिकल-लिफ्ट ब्रिज एक ऐसा पुल होता है जिसकी मध्य पट्टी को ऊपर उठाया जा सकता है, ताकि समुद्री जहाज उसके नीचे से आसानी से गुजर सकें।
- यह तकनीक रेलवे और सड़क यातायात को बिना रोके समुद्री मार्ग को खुला रखने में मदद करती है, जिससे कनेक्टिविटी और सुरक्षा दोनों बनी रहती हैं।
- यह पुल मछुआरों, व्यापारियों और यात्रियों के लिए एक वरदान साबित होगा, क्योंकि इससे समुद्री और रेल यातायात दोनों का सुगम संचालन संभव हो सकेगा।
नई ट्रेन सेवा:
नाम: रमेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) ट्रेन सेवा
तटरक्षक जहाज:
- नाम: आईसीजीएस सी-432
- निर्माता: लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड
- कमांडर: सहायक कमांडेंट अवकाश रावत
- निर्माण लागत (अनुमानित): लगभग ₹25 करोड़ से ₹30 करोड़ रुपये के बीच
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विशेषताएँ:
- आधुनिक रडार और संचार प्रणाली।
- उच्च गति (35 नॉट्स तक)।
- हल्के और तेज़ इंटरसेप्टर बोट्स।
- कम क्रू मेंटेनेंस और ऑपरेशन क्षमता।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस परियोजना को “आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक और बड़ी छलांग” बताया और कहा कि भारत अब न सिर्फ इंजीनियरिंग इनोवेशन का उपभोक्ता, बल्कि निर्माता भी बन चुका है। इस प्रोजेक्ट के जरिए सरकार ने न केवल आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का संदेश दिया, बल्कि सुरक्षा, कनेक्टिविटी और विकास के त्रिकोण को एक साथ मजबूत करने की दिशा में कदम भी बढ़ाया है।