विवेकानंद नेत्रालय देहरादून में Iridex Cyclo G6 मशीन की शुरुआत, काला मोतियाबिंद से पीड़ित मरीजों का सफलतापूर्वक उपचार शुरु।

रामकृष्ण मिशन आश्रम देहरादून ने अत्याधुनिक लेजर तकनीक से ग्लूकोमा मरीजों के लिए सुरक्षित और प्रभावी उपचार की राह खोली

देहरादून: रामकृष्ण मिशन आश्रम, देहरादून द्वारा संचालित स्वामी विवेकानंद नेत्रालय ने 6 मई 2025 को एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल ने नेत्र चिकित्सा क्षेत्र की नवीनतम तकनीक Iridex Cyclo G6 लेजर मशीन का उद्घाटन किया है, और इसके माध्यम से ग्लूकोमा (काला मोतियाबिंद) से पीड़ित मरीजों का सफलतापूर्वक उपचार प्रारंभ कर दिया है।

Iridex Cyclo G6 मशीन का प्रतीकात्मक चित्र
Iridex Cyclo G6 मशीन का प्रतीकात्मक चित्र
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उत्तराखंड में पहली बार किसी अस्पताल ने  किया इस तकनीक का सफल उपयोग

यह मशीन अत्याधुनिक लेजर तकनीक पर आधारित है, जो विशेष रूप से उन मरीजों के लिए उपयोगी है जिन्हें सामान्य दवाओं और सर्जरी से कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। उत्तराखंड में यह पहली बार है जब किसी अस्पताल ने इस तकनीक का सफल उपयोग किया है। यह तकनीक केवल दर्द रहित और सुरक्षित है, बल्कि लंबे समय तक प्रभावी परिणाम भी देती है।

विवेकानंद नेत्रालय जनसेवा और नवाचार के क्षेत्र में बना अग्रदूत

इस शुभ अवसर पर आयोजित समारोह में रामकृष्ण मिशन आश्रम से स्वामी स्वस्वरूपानंद जी, बायोमेडिक्स से अजय शर्मा, विवेकानंद नेत्रालय की डॉक्टर टीम – डॉ मानसी गुसाईं, डॉ अंकिता बाला, डॉ संदीप घिल्डियाल, डॉ अनुषा पंवार, तथा एडमिन पृथ्वीराज छेत्री उपस्थित रहे। इस उपलब्धि ने विवेकानंद नेत्रालय को क्षेत्र में जनसेवा और नवाचार का एक बार फिर से अग्रदूत बना दिया है।

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