भोजन की गुणवत्ता जांच से लेकर बस रूट डायवर्जन तक होंगे व्यापक प्रबंध, मिलावटखोरी पर रहेगी सख्ती
भंडारे और पंडाल में मिलने वाले भोजन की नियमित जांच के निर्देश
हरिद्वार, उत्तराखंड: कांवड़ यात्रा 2025 को देखते हुए अब हरिद्वार के आस-पास खाद्य कारोबारियों को अपने प्रतिष्ठान में स्वामी का नाम, लाइसेंस और पहचान पत्र प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। बिना लाइसेंस या पंजीकरण के व्यापार करने पर ₹2 लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने खाद्य सुरक्षा को लेकर कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले सभी होटल, ढाबों और भंडारों में मिलने वाले भोजन की नियमित जांच की जाएगी।
इसे भी पढ़ें: शर्मनाक: टिहरी के जौनपुर ब्लॉक में चिफल्डी गदेरा जेसीबी से पार करने पर मचा हड़कंप, सरकार की हुई किरकिरी।
राज्य सीमाओं पर तैनात होंगी मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब
यात्रा मार्गों और राज्य की सीमाओं पर मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब्स तैनात की जाएंगी जो हर दिन खाद्य पदार्थों के सैंपल की जांच करेंगी। मिलावट की शिकायतों के लिए टोल फ्री नंबर 18001804245 भी जारी किया गया है। मिलावट रोकने के लिए संयुक्त छापेमारी दलों का गठन किया गया है, जिनमें पुलिस को भी शामिल किया गया है।
बसों के रूट में बदलाव, किराए में इज़ाफा संभव
11 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के लिए उत्तराखंड रोडवेज ने ट्रैफिक व्यवस्था का नया प्लान तैयार कर लिया है। भीड़ बढ़ने की स्थिति में 17 जुलाई से बसों के रूट डायवर्ट किए जाएंगे।
देहरादून और ऋषिकेश से दिल्ली, फरीदाबाद और गुरुग्राम जाने वाली बसें सहारनपुर या करनाल होते हुए भेजी जाएंगी। रूट बदलने के कारण किराया ₹50 से ₹110 तक बढ़ सकता है।
हरिद्वार में भीड़ बढ़ने पर बस स्टेशनों में बदलाव
हरिद्वार में अधिक भीड़ होने पर वहां की रोडवेज बसों का संचालन ऋषिकुल से किया जाएगा। स्थिति के अनुसार संचालन गौरीशंकर पार्किंग से भी हो सकता है। इसी जगह बसों की मरम्मत व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी।
इसे भी पढ़ें: मुख्यमंत्री ने दिए अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट पर रहने के निर्देश, बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा फिर से शुरू।
ऋषिकेश-हरिद्वार मुख्य मार्ग पर भीड़ बढ़ने पर बसों को चीला मार्ग से हरिद्वार भेजा जाएगा। देहरादून और ऋषिकेश की सभी बसें इसी वैकल्पिक मार्ग से संचालित होंगी।