लाइसेंस और पंजीकरण अनिवार्य
देहरादून: त्योहारी सीजन में मिलावट रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कड़े नियम लागू कर दिए हैं। अब कुट्टू का आटा केवल पैकिंग में ही बिकेगा और इसके लिए विक्रेताओं को लाइसेंस एवं पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। नियम तोड़ने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पूरे प्रदेश में नवरात्र और त्योहारी सीजन को देखते हुए मिलावट के खिलाफ महा अभियान चलाया जाएगा। खाद्य सुरक्षा विभाग के आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि यह अभियान चरणबद्ध तरीके से संचालित होगा।
इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड आपदा पर PM मोदी की बड़ी घोषणा: 1200 करोड़ की सहायता, प्रभावितों को सीधी राहत।
भंडारण और बिक्री पर सख्त निगरानी
प्रत्येक जिले में क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) गठित की जाएगी। ये टीमें कुट्टू का आटा खाने से बीमार पड़ने की सूचना पर तुरंत कार्रवाई करेंगी। साथ ही खाद्य नमूनों की जांच प्रयोगशाला में प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी।
अभियान के पहले चरण में कुट्टू के आटे के भंडारण, संग्रहण, वितरण और बिक्री करने वाले थोक विक्रेता, डिपार्टमेंटल स्टोर और फुटकर विक्रेताओं की जांच होगी। सीलबंद पैकेट पर पैकिंग तिथि, एक्सपायरी तिथि, निर्माता/रिपैकर का पता, प्रतिष्ठान का नाम और लाइसेंस नंबर अंकित करना अनिवार्य होगा।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी नजर
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से होने वाली आपूर्ति और बिक्री पर भी विभाग विशेष निगरानी रखेगा। प्रत्येक खाद्य कारोबारी को कुट्टू के बीज या आटे की खरीद-फरोख्त का रिकॉर्ड लिखित रूप में रखना होगा। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।