उत्तराखंड में नया भू-कानून लागू: अब बाहरी लोग नहीं खरीद सकेंगे खेती की जमीन।

धामी सरकार का बड़ा फैसला, खेती और उद्यान भूमि को बचाने की दिशा में सख्त कदम

देहरादून: उत्तराखंड में धामी सरकार ने नया और सख्त भू-कानून लागू कर दिया है, जो राज्य की कृषि और उद्यान भूमि की सुरक्षा को लेकर एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। राज्य के 11 जिलों में अब बाहरी लोग खेती की जमीन नहीं खरीद सकेंगे। अधिसूचना जारी होते ही यह कानून पूरे प्रदेश में प्रभावी हो गया है।

नगर सीमा से बाहर सिर्फ 250 वर्ग मीटर तक ही खरीद की अनुमति

नए कानून के अनुसार, उत्तराखंड के बाहर के लोग या परिवार केवल नगर निकाय सीमा से बाहर 250 वर्ग मीटर तक की भूमि ही खरीद सकेंगे। इसके लिए उन्हें कानूनी शपथ पत्र देना होगा और सभी तय प्रक्रियाओं से गुजरना अनिवार्य होगा।

इसे भी पढ़ें: उत्तराखण्ड बना फिल्ममेकर्स की पहली पसंद, बॉर्डर 2 के सेट पर सनी देओल से मिले फिल्म विकास परिषद के CEO बंशीधर तिवारी।

हाइलाइट्स

  1. बाहरी लोग खेती की भूमि नहीं खरीद सकेंगे।
  2. नगर सीमा से बाहर अधिकतम 250 वर्ग मीटर तक की ही खरीद संभव।
  3. ज़मीन का गलत इस्तेमाल होने पर जब्ती की कार्रवाई।
  4. भू-कानून पोर्टल पर पूरे राज्य की खरीद का ऑनलाइन ब्योरा।
  5. उद्योग और निवेश के लिए भूमि नियमन के तहत अवसर।

गलत इस्तेमाल पर ज़मीन होगी जब्त

अगर कोई बाहरी व्यक्ति कानूनी प्रक्रिया से जमीन खरीदकर उसका निर्धारित उद्देश्य से अलग उपयोग करता है, तो उसकी ज़मीन सीधे सरकार द्वारा जब्त कर ली जाएगी। इससे भू-माफियाओं और अवैध कब्जेदारों पर कड़ा प्रहार होगा।

भू-कानून पोर्टल से होगी सख्त निगरानी

राजस्व विभाग एक भू-कानून पोर्टल” भी तैयार कर रहा है, जिस पर राज्यभर में बाहरी लोगों द्वारा खरीदी गई जमीन का पूरा ब्योरा दर्ज किया जाएगा। नए रिकॉर्ड के साथ-साथ पुराने खरीद-बिक्री रिकॉर्ड भी पोर्टल पर जोड़े जाएंगे। सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे जमीन की खरीद-फरोख्त का ब्योरा नियमित रूप से पोर्टल पर अपडेट करें।

इसे भी पढ़ें: मौसम खबर: उत्तराखंड में कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ गर्जना और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना।

उद्योग और निवेश को मिलेगा बढ़ावा, खेती की भूमि रहेगी सुरक्षित

नए कानून में केवल कृषि और उद्यान भूमि की सुरक्षा पर ही नहीं, बल्कि उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य और होटल क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने पर भी ध्यान दिया गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन क्षेत्रों में निवेश के लिए भूमि दी जा सकती है, लेकिन कृषि या बागवानी की भूमि का इस्तेमाल नहीं होगा।

Related posts

Leave a Comment