सवांददाता, देहरादून: सरकारी विभागों में लंबे समय से तैनात कार्मिकों का अनिवार्य रूप से स्थानांतरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को इसके लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। वहीं, शासन ने सभी विभागों को स्थानांतरण सत्र 2025-26 में स्थानांतरण अधिनियम में निर्धारित समय सारिणी के अनुसार स्थानांतरण की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके अनुसार विभागों को 10 जून तक स्थानांतरण की प्रक्रिया को पूरा करते हुए आदेश जारी करने हैं।
हर विभाग में होते है प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत अनिवार्य स्थानांतरण:
गौरतलब है की प्रदेश में इस समय विभिन्न विभागों में कार्मिक वर्षों से जमे हुए हैं। स्थानांतरण नियमावली 2017 में उल्लिखित प्रविधान के अनुसार हर विभाग में प्रति वर्ष 10 प्रतिशत अनिवार्य स्थानांतरण किए जाते हैं। पांच वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर तैनात कार्मिक इसके दायरे में आते हैं। कई विभागों में कार्मिकों की संख्या अधिक होने के कारण सीमित संख्या में ही कर्मचारी वार्षिकस्थानांतरण के दायरे में आते हैं। इससे स्थिति यह बनती है कि बड़ी संख्या में कर्मचारियों के वर्षों तक तबादले नहीं हो पाते हैं। इससे अन्य कर्मचारियों में आक्रोश भी रहता है। यह प्रकरण कई बार शासन तक पहुंचा।
यद्यपि, नीति के प्रविधानों के कारण तबादलों की संख्या सीमित ही रही। ये शिकायतें सरकार तक भी पहुंचीं। सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस विषय में मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि जो अधिकारी- कर्मचारी लंबे समय से ही स्थान पर तैनात हैं, उनके स्थानांतरण कि प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
स्थानांतरण की समय सारिणी इस प्रकार है:-
- 31 मार्च तक विभागीय स्तर पर कार्मिकों का चिह्नीकरण।
- एक अप्रैल को शासन, विभाग, मंडल और जिला स्तर पर स्थानांतरण समितियों का गठन।
- 15 अप्रैल तक प्रत्येक संवर्ग के सुगम व दुर्गम क्षेत्र के कार्यस्थल, पात्र कर्मचारियों व उपलब्ध एवं संभावित रिक्त पदों की सूची का प्रकाशन।
- 20 अप्रैल तक अनिवार्य स्थानांतरण के लिए विकल्प आमंत्रित।
- 15 मई तक आवेदन जमा करने की तिथि।
- 25 मई से पांच जून तक स्थानांतरण समिति की बैठक।
- 10 जून तक स्थानांतरण आदेश।
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प्रदेश में इतनी है कार्मिकों की संख्या:
- सरकारी विभागों में 2.50 लाख कर्मचारी |
- 60 हजार से अधिक शिक्षक।
- 40 हजार से अधिक निकाय में।