पटेलनगर क्षेत्र में पकड़े गए थे फर्जी दस्तावेजों के साथ, बीएसएफ के माध्यम से बांग्लादेश एजेंसी को सौंपे गए
एसटीएफ और देहरादून पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
देहरादून: पटेलनगर क्षेत्र में 20 मई को सत्यापन अभियान के दौरान उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पांच बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया। ये सभी काफी समय से देहरादून में अवैध रूप से रह रहे थे, जिनमें से कुछ ने फर्जी आधार कार्ड भी बना रखे थे।
डिपोर्ट की कार्रवाई में बीएसएफ का सहयोग
पूछताछ और दस्तावेजी प्रमाणों से यह स्पष्ट हुआ कि सभी आरोपी बांग्लादेश के नागरिक हैं। इसके बाद, भारत सरकार के निर्देशों के तहत डिपोर्ट की कार्रवाई शुरू की गई। देहरादून पुलिस ने बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) से समन्वय स्थापित कर इन्हें बांग्लादेश सीमा तक पहुंचाया और बांग्लादेशी एजेंसी को सिपुर्द किया गया।
इसे भी पढ़ें: हेलिकॉप्टर हादसों पर सख्त सीएम धामी: सुरक्षा मानकों से कोई समझौता नहीं, ऑपरेटरों को दी सख्त हिदायत।
पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों के नाम और विवरण
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान निम्न रूप में हुई:
- रूमा बेगम उर्फ वर्षा (30 वर्ष) निवासी किशरगंज, बांग्लादेश।
- सोपना अख्तर (21 वर्ष) निवासी सिलेट, बांग्लादेश।
- हसीना बेगम उर्फ स्वीटी (37 वर्ष) निवासी मौलवी बाजार, बांग्लादेश।
- रूहेना बेगम उर्फ इशा खातून (24 वर्ष) निवासी बागमाडा, मौलवी बाजार, बांग्लादेश।
- दिप्तो कुमार उर्फ अपन इस्लाम (24 वर्ष) निवासी नारायणपुर, गोपालगंज, ढाका, बांग्लादेश।
राजधानी में अब तक 11 बांग्लादेशी पकड़े गए
एसएसपी अजय सिंह ने जानकारी दी कि अब तक देहरादून में कुल 11 बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि फर्जी दस्तावेज बनवाने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की सतर्कता से रोकी गई संभावित खतरे की स्थिति
बांग्लादेशी नागरिकों की इस तरह अवैध उपस्थिति न केवल सुरक्षा के लिहाज से गंभीर मामला है, बल्कि राष्ट्रीय पहचान प्रणाली और सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग का भी संकेत देती है। ऐसे में पुलिस की त्वरित और निर्णायक कार्रवाई को सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती का संकेत माना जा रहा है।