सवांददाता, हरिद्वार: उत्तराखंड प्रशासन ने हरिद्वार जिले में पांच अवैध रूप से संचालित मदरसों को सील कर दिया है। यह कार्रवाई स्थानीय प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने की, जिसमें पाया गया कि ये मदरसे बिना किसी वैध पंजीकरण के चल रहे थे।
हाइलाइट्स:
- सीएम धामी के निर्देश पर हरिद्वार जिले में पांच अवैध मदरसे सील।
- मदरसों को शिक्षा विभाग से नहीं मिली थी मान्यता।
- प्रशासन ने कहा, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया यह कदम।
प्रशासन का क्या कहना है?
हरिद्वार तहसीलदार प्रियंका ने बताया कि इन मदरसों को शिक्षा विभाग से मान्यता नहीं मिली थी और इनमें कुछ संदिग्ध गतिविधियों की भी सूचना मिली थी। अधिकारियों के अनुसार, इन मदरसों की जांच के दौरान आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
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कार्रवाई के मुख्य बिंदु:
- ये मदरसे बिना सरकारी मान्यता के संचालित हो रहे थे।
- जांच के दौरान शिक्षकों और छात्रों के रिकॉर्ड में अनियमितताएं पाई गईं।
- सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने इन्हें तत्काल सील करने का निर्णय लिया।
- आगे की जांच के लिए पुलिस और खुफिया एजेंसियों को भी शामिल किया गया है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:
इस कार्रवाई पर स्थानीय लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ लोगों ने प्रशासन की कार्रवाई को उचित ठहराया, जबकि कुछ ने इसे धार्मिक भेदभाव से जोड़ने की कोशिश की। प्रशासन का कहना है कि यह कदम केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है और इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया गया है।
आगे क्या होगा?
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पूरे राज्य में अवैध रूप से संचालित शैक्षणिक संस्थानों की जांच की जाएगी। यदि कोई अन्य मदरसा, विद्यालय, या शिक्षण संस्थान बिना मान्यता के चलता पाया गया, तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।