नई दिल्ली: 28 मार्च 2025 को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसका केंद्र मंडाले शहर के निकट था। इस भूकंप के कारण म्यांमार के कई शहरों में इमारतें और पुल ढह गए, जिससे कई लोगों की मौत हुई और अनेक घायल हुए। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी इस भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे वहां एक निर्माणाधीन गगनचुंबी इमारत गिर गई और सैकड़ों लोग सड़कों पर आ गए। बैंकॉक को आपदा क्षेत्र घोषित किया गया है और शहरी रेल प्रणाली को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
हाइलाइट्स:
- म्यांमार में आया 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप।
- चीन के युन्नान और सिचुआन प्रांतों में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके।
- बैंकॉक और चीन के युन्नान में मेट्रो और रेल सेवाएं निलंबित।
- 200 से अधिक लोगों के मरने व कई लोगों के हताहत होने की खबर।
- म्यांमार, चीन और थाईलैंड का यह क्षेत्र पृथ्वी के सबसे सक्रिय भूकंपीय और ज्वालामुखीय क्षेत्रों में से एक।
चीन के युन्नान और सिचुआन प्रांतों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे रुइली शहर में घरों को नुकसान पहुंचा और कई लोग घायल हुए। म्यांमार की सैन्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में आपातकाल घोषित किया है और बचाव कार्यों के साथ-साथ मानवीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। क्षेत्रीय विशेषज्ञों के अनुसार, म्यांमार में भूकंप आम हैं, लेकिन इस स्तर की तीव्रता और व्यापक प्रभाव दुर्लभ हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से प्रभावित क्षेत्रों में सहायता और बचाव कार्यों में तेजी लाने की अपील की गई है
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वही, थाईलैंड के प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनावात्रा संकट की समीक्षा के लिए “तत्काल बैठक” कर रहे हैं। भूकंप के तेज झटके की वजह से बैंकॉक और म्यांमार के शहरों में बड़ी-बड़ी इमारतें नाव की तरह हिलने लगी। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.7 दर्ज की गई। इसे काफी मजबूत भूकंप का झटका माना जा रहा है।
इस वजह से आते इस क्षेत्र में इतने भूकंप:
जापान, मलेशिया, सिंगापुर, फिलीपींस, इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे पूर्वी एशियाई देशों में अधिक भूकंप आने का मुख्य कारण टेक्टोनिक प्लेट्स की गतिविधि है। ये देश “रिंग ऑफ फायर” (Ring of Fire) नामक क्षेत्र में स्थित हैं, जो पृथ्वी के सबसे सक्रिय भूकंपीय और ज्वालामुखीय क्षेत्र में से एक है। प्रशांत की रिंग ऑफ फायर जिसे पैसिफिक रिम या सर्कम पैसिफिक बेल्ट भी कहते हैं प्रशांत महासागर को घेरता हुए वह क्षेत्र जहां के सक्रिय ज्वालामुखी और बार बार आने वाले भूकंप इसे विशेष बनाते हैं। यहां दुनिया के 75 प्रतिशत ज्वालामुखी हैं। जिनकी संख्या 450 से ज्यादा है। इसके साथ ही इस इलाके में दुनिया के 90 प्रतिशत भूकंप आते हैं।