मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा को मिला अमल, 26 जुलाई 2024 से लागू होगा नया प्रावधान
देहरादून: कारगिल विजय दिवस 2024 के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा की गई महत्वपूर्ण घोषणा को अब शासन स्तर पर लागू कर दिया गया है। उत्तराखंड सरकार ने शहीद सैनिकों के आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख कर दिया है। इस संबंध में सैनिक कल्याण अनुभाग से आज विधिवत शासनादेश जारी कर दिया गया।
26 जुलाई 2024 से लागू होगा नया प्रावधान
जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि यह संशोधित अनुग्रह राशि 26 जुलाई 2024 से शहीद सैनिकों के आश्रितों को अनुमन्य होगी। अब राज्य में देश के लिए बलिदान देने वाले वीर सैनिकों के परिजनों को ₹50 लाख की सहायता राशि प्रदान की जाएगी, जो पहले ₹10 लाख थी।
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उत्तराखंड: देवभूमि से वीरभूमि तक का सफर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड केवल देवभूमि नहीं, बल्कि वीरभूमि भी है। यहां के जवानों ने हर युद्ध और संकट के समय अपने अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहीदों और सैनिकों के परिवारों के कल्याण के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सैनिकों को मिला सम्मान
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने सैनिकों के हित में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। इनमें वन रैंक-वन पेंशन योजना, नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण, रक्षा बजट में वृद्धि और सीमावर्ती क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने जैसे कदम शामिल हैं।
वीरता पुरस्कार पाने वाले सैनिकों की राशि में भी बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री धामी ने जानकारी दी कि अब सेना में वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों — जैसे परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, तथा मेन्शन-इन-डिस्पैच आदि से सम्मानित जवानों को मिलने वाली एकमुश्त राशि और वार्षिक सहायता राशि में भी वृद्धि की गई है।
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सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि बलिदान देने वाले सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उत्तराखंड राज्य सरकार की सेवाओं में समायोजित किया जाएगा, जिससे परिवार की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
शहीदों का सम्मान, उनके परिवारों का मान
उत्तराखंड सरकार के इस फैसले को प्रदेशवासियों और सैनिक समुदाय ने सराहा है। यह निर्णय न केवल शहीदों के बलिदान का सम्मान करता है, बल्कि उनके परिवारों को मजबूत और सुरक्षित भविष्य देने की दिशा में एक अहम पहल है।