डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को हाई हिमालयी क्षेत्रों की स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने का विशेष प्रशिक्षण। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि
देहरादून: उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा को सुरक्षित, सुगम और व्यवस्थित बनाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियों में जुट गई है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में सेवाएं देने के लिए विशेष प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है।
अब तक श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा चुके हैं। इन शिविरों में चारधाम यात्रा मार्ग पर संभावित स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने की तकनीकी एवं व्यावहारिक जानकारी दी जा रही है।
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प्रशिक्षण का उद्देश्य और फोकस
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि:
प्रशिक्षण शिविरों में डॉक्टरों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों की कठिनाइयों, सीमित संसाधनों और तीर्थयात्रियों को होने वाली आम स्वास्थ्य समस्याओं जैसे सांस फूलना, हाई ब्लड प्रेशर, छाले, और ऑक्सीजन की कमी आदि से निपटने की तकनीक सिखाई जा रही है। इन बीमारियों का सही समय पर इलाज कई जिंदगियां बचा सकता है। प्रशिक्षित मेडिकल टीमें जल्द ही चारधाम यात्रा मार्गों और पड़ावों पर तैनात की जाएंगी।
प्रशिक्षण में शामिल प्रमुख बिंदु
- हाई एल्टीट्यूड पर बीमारियों का त्वरित निदान और इलाज।
- एक्यूट माउंटेन सिकनेस, पल्मोनरी एडिमा, सेरेब्रल एडिमा से निपटना।
- गैस्ट्रोएंटेराइटिस, स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी आपात स्थितियों में कार्यप्रणाली।
- एयर एम्बुलेंस तक सुरक्षित पहुंच और समय पर रेफरल सिस्टम।
- दवा प्रबंधन और सीमित संसाधनों में इमरजेंसी ट्रीटमेंट।
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क्लिनिकल स्किल ट्रेनिंग शिविर में व्यावहारिक अनुभव
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के स्किल सेंटर में पहला क्लिनिकल स्किल आधारित प्रशिक्षण शिविर संपन्न हुआ। जिसमें PHC, CHC और जिला अस्पतालों के मेडिकल ऑफिसर्स को रियल केस सिचुएशंस के ज़रिए प्रशिक्षित किया गया।