विशेष सवांददाता, देहरादून: उत्तराखंड में भाजपा को मार्च के पहले सप्ताह में नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। निकाय चुनावों के कारण स्थगित हुई सांगठनिक चुनाव प्रक्रिया को एक बार फिर गति मिल गई है। पार्टी ने मंडल और जिला स्तर पर अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया को शुरू कर दी है। कई मंडलों में अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी गयी है लेकिन जिले स्तर पर अध्यक्षों का नियुक्त होना अभी बाकी है। जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद एक हफ्ते के भीतर पार्टी नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय लेगी। भाजपा के भीतर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि महेंद्र भट्ट दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बन सकते हैं या फिर हाईकमान किसी नए चेहरे को यह जिम्मेदारी देगा। पार्टी नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष चुनने में जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर फैसला ले सकता है।
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एक साक्षात्कार में संगठन महामंत्री आदित्य कोठारी ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारा बूथ कमेटी अध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष के निर्वाचन होने के बाद वर्तमान समय में जिला अध्यक्षों के चुनाव के प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए अपने केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर सभी जिलों के लिए पर्यवेक्षकों की टीम नियुक्त कर दी गयी है। सभी पर्यर्वेक्षक जिलों में जाकर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से परामर्श करने के बाद 2 तारीख को प्रदेश नेतृत्व के समक्ष अपने-अपने जिलों का रिपोर्ट कार्ड रखेंगे और एक हफ्ते के भीतर जिलाध्यक्षों को लेकर संगठन निर्णय ले लेगा। आगे जानकारी देते हुए आदित्य कोठारी ने बताया कि जिला अध्यक्षों के निर्वाचन के बाद प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
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ये नाम है दौड़ में शामिल:
सूत्रों के मुताबिक भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष का फैसला होली से पूर्व कर लिया जाएगा। यदि बात की जाए नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की तो इसपर पार्टी हाईकमान ने फैसला लेना है। एकतरफ पार्टी हाईकमान वर्तमान अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को ही दुबारा से मौका दे सकती है। लेकिन यदि इनके नाम पर सहमति नहीं बनती है तो नए चेहरों में धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, राजपुर विधायक खजानदास, संगठन महामंत्री आदित्य कोठारी, रमेश पोखरियाल निशंक या अनिल बलूनी के नामों पर दाव खेला जा सकता है।