संवाददाता, देहरादून: राजधानी देहरादून में जहां चौतरफा निर्माण की बाढ़ आ रखी है। वहीं, यहां का एक बड़ा हिस्सा करीब डेढ़ साल से फ्रीज जोन का हिस्सा है। फ्रीज जोन में जमीनों की खरीद फरोख पर रोक है और भवन निर्माण के नक्शे भी पास नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे में जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर रायपुर क्षेत्र के विधायक उमेश शर्मा काऊ और महापौर सौरभ थपलियाल के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता और क्षेत्रवासी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिले। मुख्यमंत्री धामी ने जनता की परेशानी को समझते हुए आवास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि फ्रीज जोन की बहाली को लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाए।
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गुरुवार को क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा काऊ और महापौर सौरभ थपलियाल पार्टी पदाधिकारियों और क्षेत्रवासियों के साथ मियांवाला का नाम परिवर्तित कर रामजीवाला किए जाने संबंधी कार्यवाही पर आभार प्रकट करने के लिए मुख्यमंत्री के पास पहुंचे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष रायपुर क्षेत्र में फ्रीज जोन
को लेकर पैदा हो रही परेशानी पर भी चर्चा की गई। जनप्रतिनिधियों ने सूबे के मुखिया को बताया कि प्रस्तावित सचिवालय भवन और विधानसभा भवन आदि का निर्माण एक सीमित भूभाग में होगा। एक बड़े भूभाग को करीब दो साल से फ्रीज जोन में नहीं रखा जाना चाहिए। इस मुद्दे पर सीएम के सकारात्मक रुख अपनाया है।
राज्य संपत्ति विभाग ने अपने नाम किया था वन भूमि हस्तांतरण:
रायपुर क्षेत्र में विधानसभा सचिवालय आदि के रूप में एडमिन सिटी विकसित करने के लिए राज्य संपत्ति विभाग ने वन भूमि का हस्तांतरण अपने नाम पर किया था। लेकिन, इसके बाद अधिकारी अपेक्षित तेजी नहीं दिखा पाए। जिसके चलते वन भूमि हस्तांतरण और इसी क्रम में अन्य औपचारिकताओं की पूर्ति की समय अवधि बीत गई। अब दोबारा से प्रकरण पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के स्तर पर लंबित है।
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ऐसे लागू किया फ्रीज जोन:
मार्च 2023 में राज्य कैबिनेट में लिए गए निर्णय के मुताबिक रायपुर से लेकर हरिद्वार रोड तक 11 क्षेत्रों को फ्रीज जोन घोषित कर दिया गया। ताकि यहां विधानसभा, सचिवालय और विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यालयों का निर्माण किया जा सके। हालांकि, तब से अब तक दो साल का समय हो गया है और इस दिशा में कुछ भी प्रगति नजर नहीं आ रही है। क्योंकि, जब रायपुर और इससे सटे क्षेत्रों को फ्रीज जोन घोषित किया गया था, तब सरकार ने संबंधित क्षेत्र का मास्टर प्लान बनाने के लिए छह माह का समय दिया था। इस प्लान पर अभी तक कुछ भी प्रगति नहीं हो पाई है।
इन क्षेत्रों में लगा है प्रतिबंध:
- रायपुर
- नेहरूग्राम (आंशिक)
- चक तुनवाला मियांवाला
- नथुवावाला
- मियांवाला
- हर्रावाला
- बालावाला
- हर्रावाला का दूसरा भाग (आंशिक)
- कुंआवाला
- नकरौंदा
- गूलरघाटी (आंशिक)