उत्तराखंड में जैव प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, और महिला-बाल सहायता को लेकर लिए गए ऐतिहासिक निर्णय
देहरादून: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित हुई राज्य कैबिनेट बैठक में प्रदेशहित से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए। बैठक में महिला एवं बाल सहायता, खनन प्रबंधन, जैव प्रौद्योगिकी, बाढ़ सुरक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक नीतिगत बदलावों को मंजूरी दी गई।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग की संरचना में बड़ा बदलाव
कैबिनेट ने उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद की विभागीय संरचना में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय के तहत अब हल्द्वानी मुख्यालय और देहरादून केंद्र के पदों को एकीकृत संवर्ग में रखा जाएगा, जिससे विभागीय कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता आएगी।
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भू-धंसाव से निपटने के लिए 18 नए पद स्वीकृत
भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में भू-धंसाव जैसी आपदाओं से निपटने के लिए 18 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है। यह निर्णय विशेष रूप से जोशीमठ जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आसन नदी तट पर बाढ़ क्षेत्र की अधिसूचना जारी
भट्टा फॉल से लेकर आसन बैराज तक के क्षेत्र को बाढ़ मैदान घोषित करने की अंतिम अधिसूचना जारी करने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत कुछ निर्माण कार्यों को अनुमन्य श्रेणी में रखा गया है ताकि पर्यावरणीय संतुलन बना रहे और स्थानीय विकास में बाधा न हो।
निरीक्षण भवनों का पीपीपी मोड में होगा संचालन
लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत रानीखेत, उत्तरकाशी, दुग्गलबिट्टा, हर्षिल और ऋषिकेश में स्थित निरीक्षण भवनों का संचालन अब पीपीपी मोड में किया जाएगा। इस कार्य की जिम्मेदारी उत्तराखंड इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बोर्ड (UIIDB) को सौंपी गई है।
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स्वास्थ्य देखरेख परिषद के गठन को मंजूरी
राष्ट्रीय सहबद्ध और स्वास्थ्य देखरेख वृत्ति आयोग अधिनियम 2021 के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद के गठन को कैबिनेट की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और निगरानी व्यवस्था और सुदृढ़ होगी।
महिला एवं बाल सहायता फंड में नया प्रावधान
राज्य सरकार ने “मुख्यमंत्री महिला एवं बाल बहुमुखी सहायता निधि (कॉर्पस फंड)” के अंतर्गत विदेशी मदिरा और बीयर पर लगाए जाने वाले उपकर (सेस) से प्राप्त राशि से फंड संचालित करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य महिलाओं व बच्चों के कल्याण, नवाचार योजनाओं, आपदा में अनाथ बच्चों और निराश्रित महिलाओं की सहायता सुनिश्चित करना है।