विशेष सवांददाता, देहरादून: 3 मार्च 2025 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें राज्य के विकास और जनहित से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में कुल 17 प्रस्तावों पर मुहर लगी। कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव इस प्रकार है:
1. नई आबकारी नीति की मंजूरी: कैबिनेट ने राज्य में नई आबकारी नीति-2025 को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य शराब बिक्री में पारदर्शिता लाना और अनियमितताओं पर अंकुश लगाना है। इस नीति के तहत:
i. धार्मिक स्थलों और उनके आस-पास शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
ii. उप दुकानों की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है, जिससे अवैध शराब बिक्री पर रोक लगेगी।
iii. एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बेचने वालों के लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान किया गया है।
iv. स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए वाइनरी संचालकों को 15 वर्षों तक शुल्क मुक्त किया गया है।
v. इन प्रावधानों से शराब बिक्री में पारदर्शिता बढ़ेगी और स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा।
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2. शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में संशोधन: राज्य के विद्यार्थियों को उत्तराखंड के इतिहास और संस्कृति से अवगत कराने के लिए कक्षा 6 से 8 तक के पाठ्यक्रम में ‘हमारी विरासत और विभूतियां’ नामक सहायक पुस्तिका शामिल की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य छात्रों में राज्य आंदोलन और लोक संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
3. डिप्लोमा की मान्यता: कक्षा 10 के बाद तीन वर्षीय डिप्लोमा को 12वीं के समकक्ष मान्यता दी गई है, जिससे तकनीकी शिक्षा प्राप्त छात्रों को उच्च शिक्षा और रोजगार के अवसरों में लाभ मिलेगा।
4. गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): किसानों के हित में सरकार ने गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया है:
i. अगोती प्रजाति के लिए ₹375 प्रति क्विंटल।
ii. सामान्य प्रजाति के लिए ₹365 प्रति क्विंटल।
इस निर्णय से गन्ना किसानों को आर्थिक संबल मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।
5. कारागार विभाग की सेवा नियमावली: कैबिनेट ने कारागार विभाग की सेवा नियमावली को मंजूरी दी है, जिससे विभागीय कर्मचारियों की सेवा शर्तों में सुधार होगा और प्रशासनिक कार्यों में दक्षता आएगी।
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6. कार्मिक विभाग में प्रोन्नति: कार्मिक विभाग के कर्मचारियों की प्रोन्नति में शिथिलीकरण को मंजूरी दी गई है, जिससे कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया सरल और तेज होगी।
इन निर्णयों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार विकास, शिक्षा, कृषि और प्रशासनिक सुधारों के प्रति प्रतिबद्ध है। इन पहलों से न केवल राज्य की आर्थिक प्रगति होगी, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी लाभ पहुंचेगा।