हल्द्वानी मंडी में ‘कांग्रेस कनेक्शन’? नौ दुकानों का आवंटन कांग्रेस नेताओं और करीबियों को, उठने लगे सवाल।

RTI से हुआ खुलासा: नेता प्रतिपक्ष के रिश्तेदारों सहित कांग्रेस के करीबियों को आवंटित हुईं दुकानें, टेंडर प्रक्रिया पर लोगों का आक्रोश 

देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में एक नया विवाद सामने आया है। हल्द्वानी कृषि उत्पादन मंडी समिति द्वारा किसान बाजार की नौ दुकानों का आवंटन कथित रूप से कांग्रेस नेताओं, उनके रिश्तेदारों और करीबियों को किया गया है।

सामाजिक कार्यकर्ता रविशंकर जोशी द्वारा प्राप्त आरटीआई के तहत की गई शिकायत के बाद यह मामला चर्चा में आया है। आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं बरती गईं और एक ही दिन फार्म खरीदने, जमा करने और बैंक ड्राफ्ट बनवाने की बात से संपूर्ण प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

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ये है मामला

  • 23 फरवरी 2025 को टेंडर निकाले गए थे। फार्म जमा करने की अंतिम तारीख थी 21 मार्च दोपहर 1 बजे।
  • उसी दिन शाम को नीलामी प्रक्रिया पूरी कर दी गई।
  • 20 मार्च को ही अधिकांश बोलीदाताओं ने फार्म खरीदे, भरे और ड्राफ्ट भी बनवाया।
  • 9 दुकानों में से अधिकतर कांग्रेस से जुड़े लोगों को मिलीं।
  • SC वर्ग के लिए आरक्षित दुकानें नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की पुत्रवधू और रिश्तेदारों को मिलीं।
  • दो दुकानें ऐसे सगे भाइयों को मिलीं जो पूर्व कांग्रेस विधायक के करीबी माने जाते हैं।

चार बार टेंडर प्रक्रिया रद्द, पांचवीं बार सब तय

शिकायतकर्ता का आरोप है कि चार बार टेंडर की प्रक्रिया रद्द की गई, लेकिन पांचवीं बार सभी चयनित बोलीदाता एक ही राजनीतिक गुट से निकले। इस तरह की समानता और प्रक्रिया की तात्कालिकता से पूरा मामला संदेहास्पद हो गया है।

मंडी समिति की सफाई “सब कुछ नियमों के तहत”

दिग्विजय सिंह, मंडी समिति के सचिव ने बयान दिया:

टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह से नियमों के अनुसार हुई। यदि किसी दुकान के लिए सिर्फ तीन टेंडर आते हैं और बोली कम लगती है, तो इसमें समिति की कोई भूमिका नहीं होती। राजनीतिक दल नहीं, प्रक्रिया देखी जाती है।

ऋचा सिंह, दुकान आवंटन समिति की अध्यक्ष ने कहा:

प्रारंभिक जांच में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। लेकिन शिकायत के आधार पर पूरी प्रक्रिया की समीक्षा की जा रही है।

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अब यह देखना होगा कि सरकार इस मामले की जांच को कितनी गंभीरता से लेती है। जहां एक ओर विपक्ष सरकार पर हमला बोलता रहा है, वहीं इस मामले में विपक्ष के ही नेता सवालों के घेरे में हैं।

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