नई दिल्ली: भारत में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आज हरियाणा के जींद-सोनीपत रूट पर पहली हाइड्रोजन संचालित ट्रेन का सफल परिचालन किया गया। यह कदम देश को स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में आगे ले जाने वाला महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
क्या है हाइड्रोजन ट्रेन?
हाइड्रोजन ट्रेन एक पर्यावरण-अनुकूल रेलगाड़ी है, जो पारंपरिक डीजल इंजनों के बजाय हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक का उपयोग करती है। यह ट्रेन पानी और ऑक्सीजन की प्रतिक्रिया से ऊर्जा उत्पन्न करती है, जिससे हानिकारक कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सकता है।
हरियाणा में हाइड्रोजन ट्रेन का महत्व:
हरियाणा में इस ट्रेन का सफल परिचालन कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
- पर्यावरण संरक्षण: यह ट्रेन प्रदूषण मुक्त यात्रा का एक बेहतरीन उदाहरण है।
- आधुनिक तकनीक का प्रयोग: भारत में पहली बार हाइड्रोजन संचालित ट्रेन चलाई गई है, जिससे रेलवे को भविष्य में पूरी तरह से हरित ऊर्जा की ओर ले जाया जा सकेगा।
- हरियाणा में विकास: इस पहल से राज्य में स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।
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ट्रेन की विशेषताएँ:
- शून्य कार्बन उत्सर्जन: यह ट्रेन डीजल के बजाय हाइड्रोजन ईंधन पर चलती है, जिससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं होता।
- ऊर्जा दक्षता: पारंपरिक ट्रेनों की तुलना में यह ट्रेन अधिक कुशल और कम ऊर्जा खपत वाली है।
- आधुनिक सुविधाएँ: इसमें यात्रियों की सुविधा के लिए नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।
सरकार की प्रतिक्रिया और योजनाएँ:
केंद्र और राज्य सरकारें इस नई पहल को लेकर उत्साहित हैं। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस अवसर पर कहा कि यह ट्रेन भारत में रेलवे के आधुनिकीकरण और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके अलावा, सरकार ने भविष्य में अन्य राज्यों में भी इस प्रकार की ट्रेनों को शुरू करने की योजना बनाई है।
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हरियाणा में पहली हाइड्रोजन ट्रेन का परिचालन न केवल रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में बल्कि हरित ऊर्जा को अपनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल है।