भीषण आपदा के बीच UPCL ने त्वरित कार्रवाई कर अल्प समय में घाटी को दी रोशनी, सेना और प्रशासन के सहयोग से संभव हुआ मिशन
आपदा के बाद अंधेरे में डूबी हर्षिल घाटी
धराली: उत्तरकाशी जनपद की हर्षिल घाटी हाल ही में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के कारण पूरी तरह अंधेरे में डूब गई थी। लगातार भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से पोल, तार, ट्रांसफार्मर और उपसंस्थानों को भारी क्षति पहुँची। सड़क मार्ग बाधित होने से राहत सामग्री और बिजली बहाल करने के उपकरण पहुँचाना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया था।
UPCL की त्वरित और रणनीतिक कार्रवाई
इस विकट स्थिति में उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने रिकॉर्ड समय में बिजली बहाल कर मिसाल पेश की। यह कार्य दो चरणों में पूरा किया गया—
- पहला चरण: 125 केवीए क्षमता का डीजल जनरेटर सेट देहरादून एयरपोर्ट से चिन्यालीसौड़ होते हुए हर्षिल तक एयरलिफ्ट किया गया।
- साथ ही कंडक्टर, पोल, सर्विस लाइन, इंसुलेटर और अन्य आवश्यक उपकरण भी हेलीकॉप्टर से पहुँचाए गए।
- सेना और प्रशासन के साथ तालमेल रखते हुए UPCL की 10 सदस्यीय टीम को भी हवाई मार्ग से घाटी में भेजा गया।
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दूसरे चरण में इंजीनियरों और लाइनमैनों ने हाई अलर्ट मोड में दिन-रात मेहनत कर क्षतिग्रस्त पोल और तार बदले, नई सर्विस लाइनों को जोड़ा और DG सेट के जरिए अस्थायी आपूर्ति शुरू की।
सौर ऊर्जा और माइक्रो हाइड्रो ग्रिड से स्थायी समाधान
बिजली आपूर्ति को स्थिर और सतत बनाए रखने के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र और माइक्रो हाइड्रो ग्रिड को जोड़ा गया। माइक्रो हाइड्रो ग्रिड से 25 किलोवॉट ऊर्जा उत्पादन हो रहा है, जिससे माँ गंगा जी के शीतकालीन स्थल मुखवा गाँव को बिजली मिल रही है। लगातार बारिश, ठंड, ऊँचाई और जटिल हवाई लॉजिस्टिक्स जैसी चुनौतियों को पार करते हुए UPCL टीम ने न्यूनतम समय में मिशन पूरा किया। स्थानीय प्रशासन, सेना और जनता के सहयोग से आपातकालीन पावर बैकअप तुरंत उपलब्ध कराया गया।
UPCL के प्रबंध निदेशक श्री अनिल कुमार ने कहा:
“हर्षिल घाटी में बिजली बहाल करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन हमारी टीम ने एयरलिफ्ट ऑपरेशन, हाई-ऑल्टिट्यूड फील्डवर्क और माइक्रो हाइड्रो ग्रिड के संयोजन से इसे संभव कर दिखाया। यह उपलब्धि हमारी जन सेवा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”