देहरादून मुख्य संवाददाता: उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता (UCC) कानून में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। शासन स्तर पर इसकी कवायद शुरू हो गई है। ख़ासतौर पर 2010 के बाद जिन लोगों का विवाह पंजीकृत हुआ है और दस्तावेज़ मान्य हैं, तो उन्हें दोबारा पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी।
ऐसे मिलेगी छुट:
- जिन लोगों ने पहले ही विवाह पंजीकरण कर लिया है, उन्हें केवल प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा।
- नए विवाह पंजीकरण के लिए यह छुट मान्य नहीं होगी। नए दम्पतियों को पूरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।
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पुराने विवाह पंजीकरण वालों को राहत:
पुराने जोड़ों को बार-बार विवाह पंजीकरण की जरूरत न हो, इसलिए उनके लिए यह छूट दी जा रही है। साथ ही, यह भी तय किया जा रहा है कि नए विवाह पंजीकरण के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया बनाई जाए।
सुधार के लिए जल्द हो सकते हैं बदलाव:
- यदि कुछ बिंदुओं में बदलाव की जरूरत होगी, तो उसके लिए भी प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे।
- इसके लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करने की योजना बनाई जा रही है।
पुराने जोड़ों को छुट प्रदान करने के लिए जल्द कैबिनेट में प्रस्ताव आ सकता है। जिसके लागू होने के बाद से पूर्व में रजिस्ट्रार के यहाँ अपनी शादी का पंजीकरण करा चुके लोगों को UCC पोर्टल पर दुबारा नए सिरे से रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि उन्हें केवल अपना पूर्व में प्राप्त मैरिज सर्टिफिकेट को ही पोर्टल में अपलोड करना पड़ेगा।