किसानों के चेहरे पर आएगी रेशमी मुस्कान, राज्य के 10,565 रेशम पालकों को मिलेगा सीधा लाभ
देहरादून, ब्यूरो: उत्तराखंड सरकार ने रेशम कीट पालकों के लिए खुशखबरी दी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रदेश मंत्रिमंडल ने कोया फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 10 से 25 फीसदी तक की वृद्धि को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया।
इस निर्णय से प्रदेश के 10,565 रेशम कीट पालकों को सीधा लाभ मिलेगा। MSP में वृद्धि से किसानों की आय में इजाफा होगा और रेशम उत्पादन को और प्रोत्साहन मिलेगा। उत्तराखंड देश के हिमालयी राज्यों में जम्मू-कश्मीर के बाद दूसरा सबसे बड़ा रेशम उत्पादक राज्य है, जो बाइवोल्टाइन रेशम उत्पादन के लिए देशभर में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है।
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कोया के नए न्यूनतम समर्थन मूल्य
सरकार द्वारा घोषित नए एमएसपी इस प्रकार हैं:
- ए श्रेणी कोया: ₹400 से बढ़ाकर ₹440 प्रति किलोग्राम।
- बी श्रेणी कोया: ₹370 से ₹395 प्रति किलोग्राम।
- सी श्रेणी कोया: ₹280 से ₹290 प्रति किलोग्राम।
- डी श्रेणी कोया: ₹230 से ₹240 प्रति किलोग्राम।
- डैमेज कोया: ₹40 से ₹50 प्रति किलोग्राम।
- डबल कोया के मूल्य में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
प्रदेश में रेशम उत्पादन की स्थिति
उत्तराखंड में वर्तमान में करीब 312 मीट्रिक टन रेशम का उत्पादन होता है। इस क्षेत्र में देहरादून, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार प्रमुख रेशम उत्पादक जिले हैं। MSP में बढ़ोतरी से इन क्षेत्रों में रेशम उत्पादन को गति मिलेगी और किसानों का रुझान इस व्यवसाय की ओर और बढ़ेगा।
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उत्तराखंड सरकार द्वारा रेशम कीट पालकों के हित में लिया गया यह निर्णय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा और रेशम उद्योग को नई दिशा प्रदान करेगा। इससे न केवल किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी, बल्कि राज्य का रेशम उत्पादन भी राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मजबूत होगा।
आपदा प्रबंधन विभाग ने भी दी विस्तृत जानकारी
कैबिनेट बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग ने भी राज्य में किए जा रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी दी। इसमें SDRF और राज्य सेक्टर से मिलने वाली धनराशि, मानसून व चारधाम यात्रा की तैयारियां, यूएसडीएमए (USDMA) द्वारा चेतावनी प्रसारण प्रणाली, भूदेव ऐप (भूकंप चेतावनी), क्विक रिस्पांस टीम, मॉक ड्रिल और आपदा सखी योजना जैसे विषयों पर प्रस्तुति दी गई।