देश में रोजगार का हाल: एक घंटे का काम भी गिना गया रोजगार के अंदर, फिर भी आधे लोग बेरोजगार।

सांख्यिकी मंत्रालय की रिपोर्ट से खुलासा, केवल 51.7% लोगों को ही मिला रोजगार

नई दिल्ली: देश में रोजगार की स्थिति पर सवाल खड़े करने वाली एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा मई 2025 में किए गए एक सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है कि यदि कोई व्यक्ति सप्ताह में केवल एक घंटा काम करता है, तब भी उसे रोजगार प्राप्त व्यक्ति की श्रेणी में गिना गया। इसके बावजूद, सिर्फ 51.7 फीसदी लोगों को ही रोजगार मिल पाया।

CWWS सर्वे: एक घंटे या उससे अधिक काम करने वालों को भी मिला रोजगार का दर्जा

सांख्यिकी मंत्रालय की इस रिपोर्ट में वर्कर पॉपुलेशन रेशियो (WPR) का आकलन साप्ताहिक आधार पर किया गया, जिसे Current Weekly Status (CWS) कहा जाता है। इसमें 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को शामिल किया गया और देखा गया कि उन्होंने पिछले सप्ताह में कम से कम एक घंटे का कार्य किया या नहीं।

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ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति थोड़ी बेहतर, लेकिन महिलाओं की भागीदारी बेहद कम

रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण भारत में रोजगार की स्थिति शहरी क्षेत्रों की तुलना में थोड़ी बेहतर है। हालांकि, महिलाओं की भागीदारी अब भी चिंताजनक रूप से कम बनी हुई है।

  1. शहरों में: 70.5% पुरुष, लेकिन केवल 23% महिलाएं आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय पाई गईं।
  2. ग्रामीण क्षेत्रों में: रोजगार दर 54.1% रही, जबकि शहरों में यह घटकर 46.9% पर आ गई।

मनरेगा जैसी योजनाओं ने गांवों में बढ़ाई स्थानीय आर्थिक गतिविधियां

ग्रामीण भारत में मनरेगा और अन्य सरकारी योजनाओं ने रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद की है। इसके चलते गांवों में स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं। शहरी जीवन की तुलना में गांवों में काम की उपलब्धता थोड़ी अधिक देखी गई।

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रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अगर कोई मैकेनिक किसी घर में जाकर बिजली का मरम्मत कार्य करता है और उसे उसके लिए भुगतान मिलता है, तो इसमें अगर वह काम केवल दो घंटे ही चले तो वह भी रोजगार की परिभाषा में शामिल किया गया है।

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