केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसा: लापरवाही से सात श्रद्धालुओं की मौत, तय समय से पहले उड़ा हेलीकॉप्टर
रुद्रप्रयाग: 15 जून 2025 को सुबह रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड और त्रिजुगीनारायण के बीच आर्यन एविएशन का एक हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया। इस हादसे में हेलीकॉप्टर में सवार सभी 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में पायलट, पांच यात्री और एक दो वर्षीय बच्ची शामिल हैं।
छह बजे की अनुमति, लेकिन उड़ान 5:30 बजे
जांच में सामने आया है कि हेलीकॉप्टर को डीजीसीए और यूकाडा द्वारा सुबह 6:00 से 7:00 बजे के बीच उड़ान भरने की अनुमति दी गई थी, लेकिन हादसा 5:30 बजे ही हो गया। यानी यह उड़ान नियमों का खुला उल्लंघन थी।
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राजस्व उपनिरीक्षक फाटा द्वारा पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार, सुबह से ही मौसम खराब था, घना कोहरा छाया हुआ था, लेकिन इसके बावजूद हेलीकॉप्टर उड़ाया गया। जबकि स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के तहत किसी भी उड़ान से पहले मौसम की स्थिति का मूल्यांकन आवश्यक होता है।
मैनेजरों पर गंभीर आरोप, SOP तोड़ने की पुष्टि, केस दर्ज
प्रशासनिक जांच में यह भी सामने आया कि आर्यन एविएशन के मैनेजर विकास तोमर और एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक ने SOP का पालन नहीं किया। जानबूझकर नियमों की अनदेखी करने के चलते यह भीषण हादसा हुआ। कोतवाली सोनप्रयाग में इनके खिलाफ:
- धारा 105 – भारतीय न्याय संहिता 2023
- धारा 10 – वायुयान अधिनियम 1934
के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है।
प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई की संस्तुति
प्रशासनिक रिपोर्ट में दोनों अधिकारियों को इस दुर्घटना के लिए प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार मानते हुए कठोर कानूनी कार्रवाई की संस्तुति की गई है। यह हादसा एक बार फिर सवाल खड़े करता है कि क्या धार्मिक पर्यटन में सुरक्षा प्राथमिकता नहीं है?
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इस भीषण हादसे ने एक बार फिर उत्तराखंड की हवाई सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर क्या सिस्टम में ढील दी जा रही है?