केंद्र सरकार का बड़ा फैसला: सांसदों की मौज ही मौज, वेतन और पेंशन में वृद्धि।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन और पेंशन में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। इस फैसले के तहत सांसदों के मासिक वेतन को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.24 लाख रुपये कर दिया गया है, जबकि पूर्व सांसदों की पेंशन 25,000 रुपये से बढ़ाकर 31,000 रुपये कर दी गई है।

हाइलाइट्स:
सांसदों के वेतन-भत्ते में 24 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी, अब मिलेगा 1.24 लाख रुपये वेतन।
सांसदों के वेतन में हुआ 24% का इजाफा।
बढ़ती महंगाई और सांसदों की ज़िम्मेदारियों को देखते हुए सरकार ने लिया यह फैसला।
पूर्व सांसदों को भी अब न्यूनतम पेंशन 25 हजार की जगह 31 हजार रुपये प्रति माह मिलेंगे।
सरकार का तर्क: बढ़ती महंगाई और ज़िम्मेदारियाँ:

सरकार का कहना है कि बढ़ती महंगाई और सांसदों की ज़िम्मेदारियों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। संसद में इस विषय पर गहन चर्चा हुई, जिसमें सरकार ने बताया कि यह वृद्धि सांसदों के कार्य को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगी।

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विपक्ष और जनता की प्रतिक्रिया:

इस निर्णय पर विपक्ष और जनता की मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। विपक्षी दलों ने कहा कि जब देश के आम नागरिक महंगाई से जूझ रहे हैं, तब सांसदों का वेतन बढ़ाना उचित नहीं है। वहीं, सरकार ने तर्क दिया कि यह बढ़ोतरी सांसदों के कार्य-भार और उनके संसदीय क्षेत्र के खर्चों को ध्यान में रखते हुए की गई है।

पेंशन में भी वृद्धि:

पूर्व सांसदों की पेंशन में भी 6,000 रुपये की बढ़ोतरी की गई है, जिससे उनकी मासिक पेंशन अब 31,000 रुपये हो जाएगी। इस फैसले से लगभग 1,500 पूर्व सांसदों को लाभ मिलेगा।

लोकसभा अध्यक्ष का बयान:

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, “यह वृद्धि सांसदों की ज़िम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए की गई है। हमें उम्मीद है कि इससे सांसदों को अपने क्षेत्र में बेहतर काम करने की सुविधा मिलेगी।”

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