उत्तराखंड में (UCC) के तहत विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया तेज, सरकारी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से करवाना होगा विवाह पंजीकरण।

सचिव गृह शैलेश बगौली की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक, अब तक 94,000 से अधिक आवेदन हुए प्राप्त

देहरादून: यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के अंतर्गत विवाह, तलाक, वसीयत और उत्तराधिकार जैसी सेवाओं के ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया प्रदेश में रफ्तार पकड़ रही है। इस दिशा में सचिवालय में सचिव गृह श्री शैलेश बगौली की अध्यक्षता में एक अहम समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया गया और UCC पोर्टल पर आवेदनों की स्थिति की समीक्षा की गई।

अब तक 94,000 से अधिक आवेदन प्राप्त

  • 73,093 आवेदन विवाह पंजीकरण हेतु।
  • 19,956 आवेदन पूर्व में पंजीकृत विवाह की स्वीकृति हेतु।
  • 430 आवेदन वसीयतनामा/उत्तराधिकार से संबंधित।
  • 136 आवेदन तलाक/विवाह की शून्यता।
  • 46 आवेदन लिव-इन संबंध।
  • 4 आवेदन बिना वसीयत उत्तराधिकार।

इनमें से 89% आवेदनों को स्वीकृति और लगभग 5% को निरस्त किया गया है जबकि शेष, प्रक्रिया में हैं। वर्तमान में हर जिले से औसतन 174 आवेदन प्रतिदिन प्राप्त हो रहे हैं।

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सचिव ने दिए जागरूकता अभियान और शिविरों का निर्देश

सचिव शैलेश बगौली ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि विवाह पंजीकरण को लेकर व्यापक जनजागरूकता फैलाई जाए। विशेषकर सरकारी कर्मचारियों के विवाह पंजीकरण को अनिवार्य रूप से प्राथमिकता दी जाए। इसके लिए शासन स्तर से आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।

निरस्त किए गए आवेदनों की समीक्षा का निर्देश

कुछ जिलों द्वारा बड़ी संख्या में आवेदन निरस्त किए जाने पर सचिव ने आपत्ति दर्ज की और निरस्तीकरण के कारणों की समीक्षा के निर्देश दिए।

  • रुद्रप्रयाग (29%)
  • उत्तरकाशी (23%)
  • चमोली (21%)

ने 2010 के बाद के विवाह पंजीकरण में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।

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नई सुविधा: वीडियो केवाईसी की बाध्यता समाप्त

UCC पोर्टल पर पूर्व में पंजीकृत विवाह की स्वीकृति के लिए अब वीडियो KYC अनिवार्य नहीं है। साथ ही, UCC सर्टिफिकेट को डिजीलॉकर में उपलब्ध कराने की दिशा में भी कार्य तेजी से चल रहा है।

382 ग्राम पंचायतों से अब तक आवेदन शेष

पहले जहां 4,141 ग्राम पंचायतें UCC सेवाओं से वंचित थीं, अब मात्र 382 पंचायतें ऐसी बची हैं। सचिव ने इन क्षेत्रों में विशेष जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। बैठक में अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती, ITDA निदेशक नितिका खंडेलवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।

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